केरल के कण्णूर में वलपट्टणम नदी के किनारे श्री मुथप्पन मंदिर स्थित है, यह मंदिर देखने में जितना खूबसूरत है उतनी अनोखी यहां की परंपरा है। यहां प्रसाद के रुप में यहां साबूत मूंग की दाल और साथ में चाय दी जाती है। स्थानीय मान्यता के अनुसार श्री मुथप्पन देव इष्टदेव यहां के लोकदेवता हैं और ये वेदिक देव नहीं माने जाते हैं, लेकिन कुछ लोग इन्हें भगवान विष्णु और शिवजी से भी जोड़ते हैं। .
वलपट्टणम नदी के किनारे परश्शिनिक्कडव श्री मुथप्पन मंदिर के आराध्य देवता श्री मुथप्पन हैं। स्थानीय मान्यता है कि वे ही यहां के इष्टदेव हैं। इन्हें भगवान विष्णु और शिव का अवतार माना जाता है। कहते हैं कि इन्होंने हमेशा कमजोरों के हितों की रक्षा की। यहां आने वाले सभी लोगों को निःशुल्क भोजन और आवास मुहैया कराया जाता है। दर्शन के बाद एक दोने में उबला हुआ साबूत मूंग दाल (महाराष्ट्र का ऊसल) और साथ मे चाय भी दी जाती है, जिसे प्रसादम कहा जाता है।
नृत्य से दर्शाते हैं पौराणिक कथा
एक रोचक तथ्य यह है कि यहां श्वानों को पवित्र माना जाता है क्योंकि वे भगवान मुथप्पन के वाहन हैं। मुथप्पन मंदिर अपने थीयम के लिए प्रख्यात है। थीयम, कथकली से मिलता जुलता एक लोक नृत्य है। इसके कलाकार विभिन्न पौराणिक पात्रों की कथाओं को प्रस्तुत करते हैं।
कैसे पहुंचे
ये स्थान केरल के कन्नूर जिले के तलिप्परम्बा से लगभग 10 किमी की दूरी पर है। यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन कन्नूर है जोकि लगभग 20 किमी दूरी पर हैं | वहीं नजदीकी एयरपोर्ट कालिकट (कोष़िक्कोड) इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। जो लगभग लगभग 136 कि.मी.दूर है |